वेलेंटाइन डे : प्रेम के सेलिब्रेशन का ग्लोबल उत्सव
बासंती बयार के बीच प्रेम का खुमार माहौल में चहूं और पसरा है। जिसे युवा वेलेंटाइन डे के तौर पर सेलिब्रेट कर रहे हैं। बेशक प्यार की कोई परिभाषा देना असंभव सी बात हो लेकिन यह अनंत रहस्य महसूस तो होता है। जो प्रेम में हो उसे बाहर सब कुछ प्रेममय लगता है।
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Sanjay Purohit
Created AT: 14 फरवरी 2025
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इन दिनों सर्दियां गुलाबी हो चुकी हैं। सूरज की चटकीली किरणें धरती पर चमक रही हैं। धुंध छंट चुकी है। इस तरह मौसम में एक खुशनुमा खुमारी छाने लगी है। यह खुमार युवा दिलों में प्रेम की चाह बढ़ाती है। बढ़े भी क्यों ना? आखिर इसी महीने प्रेम के दो बड़े उत्सव जो आते हैं। एक हमारे ठेठ देसी संस्कारों से निकला बसंतोत्सव और दूसरा पश्चिम से आयातित वेलेंटाइन डे। वेलेंटाइन डे को हमने जाने-अनजाने अपने वसंतोत्सव में शामिल कर लिया है। प्रेम की सेलिब्रेशन का यह अवसर आज एक ग्लोबल उत्सव बन चुका है।

प्यार क्या है?

सवाल जितना सहज है इसका जवाब उतना ही जटिल। क्योंकि प्यार को एक या दो लाइन में परिभाषित नहीं किया जा सकता। ढाई अक्षर का छोटा सा शब्द प्रेम अपने आप में महाकाव्य है। इसे शब्दों में बयां कर पाने का प्रयास वैसा ही है जैसे पानी को मुट्ठी में कैद रखने का। टैगोर कहते हैं- ‘प्रेम एक अनंत रहस्य है, क्योंकि कोई भी अन्य चीज इसकी व्याख्या नहीं कर सकती।’

दुनिया में सबसे खूबसूरत है प्यार

जब आप प्रेम में होते हैं और ओस की हर बूंद, पेड़ का हर पत्ता और धरती का हर कण जान लेता है कि आप प्रेम में हैं। सरसराती हवाओ का झोंका बता देता है कि आपका हृदय प्रेम से भरा हुआ है। दिन-रात खूबसूरत हो जाते हैं। किसी की बात बुरी नहीं लगती। आपके भीतर का प्रेम बाहर छलक कर सबकुछ प्रेममय कर रहा होता है। धरती, आकाश और दिशाओं में आपके प्रेम का कोरस यानी समूह गान बजता है। बस आप हंसते-मुस्कराते हैं। जिंदगी को जीने की, खुश रहने की वजह मिल जाती है।

प्रेम असीमित है

प्रेम जब होता है बस होता है- अनंत, अनादि और अनहद। ये दुनिया कायम है क्योंकि अब भी दिल प्रेम में धड़कते हैं। प्यार में अद्भुत शक्ति होती है। प्यार के वशीभूत होकर लोग ‘मैं’ और ‘तुम’ को भूलकर ‘हम’ बनकर जिंदगी के सफर पर निकलते हैं। प्रेम साथ चलना सिखाता है। भरोसा जगाता है और जो अलग वजूदों को जोड़कर एक कर देता है। प्रेम में सफर आसान हो जाता है।

प्यार जिंदगी है

किसी ने कहा है- हम सबसे अधिक जीवित तब होते हैं जब प्यार में होते हैं। प्यार हमें मांजता है। निखारता है। हमारे नैसर्गिक गुणों को परिष्कृत करता है। हमें देह से मनुष्य बनाने में इस प्रेम का बड़ा हाथ होता है। मनुष्य इसीलिए तो मनुष्य है कि उसके भीतर प्रेम की भावनाएं हैं। प्रेम विहीन हृदय अमानुषी है। जब कोई प्रेम में होता है तो उसके भीतर के सकारात्मक गुण हजार गुना बढ़ जाते हैं। इसलिए प्रेम कितने ही भटकों को सही राह दिखा जाता है। खूंखार आचरण वाले इंसान के भीतर कोमलता जगा जाता है। प्यार के आदान-प्रदान से आप अपने भीतर के इंसान को खूबसूरत बना सकते हैं।

मुश्किल है प्यार की डगर

कहा यह भी जाता है कि प्यार के रास्ते बड़ी मुश्किलों से भरे हुए होते हैं या यूं कहिये कि ‘ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया हैऔर डूब के जाना है।’ पर देखिए हजारों साल से लोग इश्क के दरिया में कूदते रहे हैं। प्यार में पड़ते रहे हैं। दुनिया से लड़ते रहे हैं। तमाम पहरों के बावजूद प्रेमी जोड़े मिलते रहे हैं। प्रेम में कालजयी इबारतें लिखी गईं। किस्से बने। और आज तमाम बंदिशों से होता हुआ प्रेम उस मुकाम तक पहुंचने में कामयाब हुआ है जहां बंदिशों की जंजीर कमजोर हुई है। अड़चनें अब भी बहुत हैं मगर रास्ते भी बहुत बनाये जा चुके हैं।

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